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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए पर्यावरणीय सुरक्षा पर एईएमसी की बैठक सम्पन्न,हवाई अड्डे के 10 किमी दायरे में बिना एनओसी निर्माण पर सख्त कार्रवाई के निर्देश।

गौतम बुद्ध नगर 09 जुलाई, 2025 जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर हेतु पर्यावरण प्रबंधन समिति (AEMC) की द्वितीय महत्वपूर्ण बैठक आज संपन्न हुई। बैठक में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सीओओ किरण जैन,अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार, उप जिलाधिकारी जेवर अभय कुमार सिंह, जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी सहित जिला प्रशासन एवं जेवर एयरपोर्ट परियोजना से संबंधित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में सीओओ किरण जैन द्वारा पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से हवाई अड्डे के 10 किलोमीटर के दायरे में पर्यावरणीय परिस्थितियों और विमान संचालन से जुड़े खतरों की जानकारी से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि हवाई अड्डों के दायरे में पक्षियों और जानवरों की उपस्थिति विमान सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है, जिसे नियंत्रित करना आवश्यक है। उन्होंने एनओसी रहित निर्माणों की पहचान कर उन पर कार्रवाई करने, भवन निर्माण को विनियमित करने, स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर सर्वेक्षण शुरू करने, एवं बाधा नियंत्रण समिति गठित करने के प्रस्ताव रखे।
बैठक की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने हवाई अड्डे के 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी क्षेत्रों में साफ-सफाई बनाए रखने, मृत पशु, कूड़ा जैसी सामग्री न फेंकने और न जमा होने देने के निर्देश दिए, ताकि इससे पक्षी या जानवर न आकर्षित हों और विमान संचालन में कोई बाधा न उत्पन्न हो। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को एईएमसी सदस्यों के साथ मासिक निरीक्षण करने, अद्यतन जानकारी साझा करने एवं बैठक अध्यक्ष को समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि पथवाया ड्रेन सहित एयरपोर्ट क्षेत्र की सभी जल निकासी प्रणालियों को सुदृढ़ किया जाए, जिससे जलभराव की कोई समस्या उत्पन्न न हो। एनओसी के बिना निर्माण हो रही इमारतों की पहचान सुनिश्चित करते हुए उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई कर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया अपनाने हेतु सर्वेक्षण दल के गठन की भी स्वीकृति प्रदान की गई। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि हवाई अड्डे के निकट बिना एनओसी के लेजर उत्सर्जकों और ड्रोन गतिविधियों संचालित न हो इसके लिए कार्रवाई सुनिश्चित की जाए एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इसका व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जाये ताकि प्रतिबंधित क्षेत्र में इन उपकरणों का प्रयोग रोका जा सके। बैठक में वन, सिंचाई, पशुपालन, प्राधिकरण विभाग एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और यह आश्वासन दिया गया कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देशों का शत प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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