कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) बोर्ड के चेयरमैन 93 किमी लंबी आउटर रिंग रोड का खाका देखेंगे। साईं कंसलटेंट कंपनी की ओर से पूरे प्रोजेक्ट का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा और फिर यह प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण समिति में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। आउटर रिंग रोड की लंबाई पहले 106 किमी थी। तब इसकी लागत छह हजार करोड़ रुपये आंकी गई थी। प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए प्राधिकरण की भूमि अधिग्रहण समिति को प्रोजेक्ट भेजा गया था। तब भी चेयरमैन ने पूरा खाका देखा और आकार छोटा करने का सुझाव दिया था। इसके बाद ही समिति की ओर से फाइल एनएचएआइ को वापस की गई और अब दोबारा प्रस्ताव भेज दिया गया है। कंसलटेंट चेयरमैन को इस प्रोजेक्ट के फायदे बताएंगे। आकार कैसे छोटा हुआ और अब कितने बड़े पुल, बाइपास, रेलवे ओवरब्रिज आदि बनेंगे इसके बारे में उन्हें बताया जाएगा। इसमें कितने किमी पुरानी सड़कों का उपयोग होगा तो कितनी ग्राम समाज, व्यावसायिक, आवासीय और कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण होगा। इसकी डिटेल वे जानेंगे। भूमि अधिग्रहण समिति की ओर से प्रोजेक्ट को मंजूर करने के बाद राज्य सरकार और केडीए, उन्नाव- शुक्लागंज विकास प्राधिकरण व अन्य प्राधिकरणों से प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देनेे के लिए सहमति ली जाएगी। इसी के साथ ही मंडलायुक्त राजशेखर भी उच्च स्तरीय समग्र विकास समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्तव व एनएचएआइ, केडीए आदि विभागों के अफसरों के साथ बैठक करेंगे और फिर अलाइनमेंट भी देखेंगे।
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