ग्रेटर नोएडा 8 नवंबर 2023 हाल ही में गाड़ी चलाते समय सड़क के डिवाइडर से टकराने के बाद गंभीर सर की चोट से पीड़ित एक महिला की जान बचाने के लिए फॉर्टिस हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा के डॉक्टरों ने एक जटिल सर्जरी की,अस्पताल लाई गई महिला की आंख की पुतली में कोई हलचल नहीं होने और मस्तिष्क के दाहिने तरफ एक बड़ा थका बन जाने के बावजूद डॉक्टर ने अपनी कुशलता से उसकी बचाई जान,
फॉर्टिस हॉस्पिटल के डॉक्टरों के अनुसार सड़क दुर्घटना के मामलों में जहां सिर्फ सीधे किसी कठोर सतह से टकराता है, मस्तिष्क के अंदर एक थका बन जाता है, जिससे मस्तिष्क के अंदर भारी दबाव पैदा होता है, न्यूरो सर्जन की टीम द्वारा समय पर की गई प्रक्रिया मस्तिष्क की चोट से होने वाली किसी भी विकलांगता के साथ-साथ मौत को रोकने में मदद कर सकती है। पिछले सप्ताह फोटोस हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा की ओपीडी से निकलने के कुछ ही मिनट बाद 46 वर्षी महिला को एक सड़क दुर्घटना का सामना करना पड़ा, और उसे ग्रेटर नोएडा के फोटोस अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में लाया गया, महिला का सर सड़क के डिवाइडर से टकराया था, वह तुरंत बेहोश हो गई क्योंकि उनका बेटा ठीक था, और उसे कोई बड़ी चोट नहीं आई थी, इसलिए वह अपनी मां को तत्काल वापस फोर्टिस अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में लेकर गया,ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने महिला की जांच की और पाया कि उसकी आंख की पुतली नहीं हिल रही है, उनकी स्थिति गंभीर थी उन्होंने सांस लेने के में मदद करने के लिए तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया, ग्रेटर नोएडा के फोटोस हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जन के कंसलटेंट डॉक्टर प्रशांत अग्रवाल ने कहा जब हमने मरीज की जांच की तो उस को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, मरीज के दिल की धड़कन कमजोर पड़ रही थी, जबकि रक्तचाप बढ़ रहा था लगातार उसकी स्थिति बिगड़ती दिख रही थी, मरीज के मस्तिष्क में चोट के जांच करना है महत्वपूर्ण था, इसलिए एक सीटी स्कैन किया गया, जिसमें यह पता चला कि उसके मस्तिष्क के दाहिने तरफ एक रक्त का बड़ा थक्का जमा हुआ है और मस्तिष्क के आंतरिक भाग में भी रक्तस्राव हो रहा था। डॉक्टर ने परिवार को मरीज की स्थिति के बारे में सूचित किया, यह कहते हुए उसकी स्थिति गंभीर है, और केवल तत्काल मस्तिष्क सर्जरी से थक्का निकाल कर उसकी जान बचाई जा सकती है, परिवार सहमत हो गया, और एक डिप्रेशन केनियोटोमी की गई, यह एक न्यूरो सर्जिकल प्रक्रिया है,जिसमें खोपड़ी के एक हिस्से को हटा दिया जाता है ताकि सूजन वाला हिस्सा बिना किसी दबाव के फैल सके, डॉ अग्रवाल ने आगे बताया ऑपरेशन शाम लगभग 4:45 बजे शुरू हुआ और 6:45 बजे तक मरीज के मस्तिष्क से थक्का निकाल लिया गया, रात करीब 8:00 बजे उनकी आंखों की पुतलियां अपने समान आकार में आ गई थी, और मरीज ने प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया था, जो एक सकारात्मक संकेत था, अगले 48 घंटे के लिए महिला को वेंटिलेटर पर आई यू सी यू में रखा गया, ताकि उनकी बारीकी से निगरानी की जा सके, मरीज को वेंटिलेटर से हटाने के लिए एक ट्रियोस्टॉर्मी भी की गई, यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो गर्दन के बाहर से सांस नली विंड पाइप में एक छेद बनकर हवा और ऑक्सीजन को फेफड़ों तक पहुंचने में मदद की जाती है, मरीज अब होश में है और इशारों के माध्यम से संवाद कर सकती है, उनकी स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है , डॉक्टरों ने बताया कि उम्मीद है ,जल्दी उनके फेफड़ों से पाइप हटा दिया जाएगा, और वह बोल भी सकेंगे, फॉर्टिस हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा फैसिलिटी डायरेक्टर अमित मिश्रा ने कहा कि सर की चोट का ऑपरेशन करना बेहद जटिल होता है, और ऐसे में टाइम मैनेजमेंट किसी जीवन को बचाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है ,हमारे डॉक्टर ने सही मेडिकल प्लान तैयार किया जीवन रक्षक सर्जरी की और मरीज की जान बचाई गई फोर्टिस अस्पताल ग्रेटर नोएडा के मोटरवे के नजदीक है,और उन क्षेत्रों के पास है जहां वाहन तेज गति से चलते हैं, हमारी सुविधा तत्कालीन सेवाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ उपकरणों से सुसज्जित है,जिसमें इन हाउस न्यूरोसर्जन समय पर देखभाल प्रदान करने और जीवन बचाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
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