लखनऊ,7 अप्रैल। उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्पेशल इकॉनमिक जोन (एसईजेड) की प्रक्रिया आगे बढ़ा रही है। ऐसे में, कानपुर तथा 8 पड़ोसी जिलों के क्षेत्रों में दिल्ली-एनसीआर के तर्ज पर विकास की गतिविधियों को आगे बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। सीएम योगी का विजन है कि प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक शहर कानपुर समेत उसके पड़ोसी जिलों को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से विकसित किया जाए। ऐसे में, सीएम योगी के विजन को मिशन मानकर कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने जीआईएस आधारित मास्टर प्लान-2051 के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रक्रिया के अंतर्गत बांदा, हमीरपुर, फतेहपुर, जालौन, औरैया, कन्नौज तथा कानपुर नगर व देहात के अंतर्गत कुल 20,094 किमी वर्ग क्षेत्र में विकासपरक योजनाओं को गति देने के लिए कानपुर रीजनल इंटीग्रेटेड अथॉरिटी (क्रीडा) के निर्धारण के कार्य को पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है। यह औद्योगिक विकास के साथ ही इस क्षेत्र में ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देने वाला कदम साबित होगा।
केवल कानपुर ही नहीं, पड़ोसी जिलों को भी मिलेगा लाभ।
कानपुर की पहचान न केवल प्रदेश बल्कि देश के पुराने व प्रतिष्ठित औद्योगिक शहरों में शामिल नगर की रही है। इसके बावजूद, कानपुर व उसके आसपास के जिलों में असंतुलित शहरी विकास की समस्या देखने को मिलती है। ऐसे में, योगी सरकार में उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2024 के माध्यम से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित व सामंजस्यपूर्ण शहरीकरण को बढ़ावा देने के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है।
इसी कड़ी में, कानपुर क्षेत्र के परिसीमन के साथ ही आठ जिलों को शामिल करके दिल्ली-एनसीआर के तर्ज पर कानपुर रीजनल इंटीग्रेटेड अथॉरिटी (क्रीडा) के निर्धारण के कार्य को पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है। इस कार्य को पूरा करने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित मास्टर प्लान-2051 के निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) द्वारा इस कार्य को पूरा किए जाना है जिसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं।
प्रभावी सामंजस्यपूर्ण नीतियों के निर्माण का प्रावधान बनेगा ‘मास्टर प्लान-2051’
कानपुर रीजनल इंटीग्रेटेड अथॉरिटी (क्रीडा) के क्रियान्वयन के लिए एक क्षेत्रीय योजना तैयार करने पर फोकस है जो क्षेत्र में भूमि उपयोग के नियंत्रण तथा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सामंजस्यपूर्ण नीतियों का प्रावधान करने में मददगार होगी। इस कार्य को पूरा करने का माध्यम मास्टर प्लान-2051 बनेगा। यह एक कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटेजी होगी जो क्षेत्रीय योजना के कार्यान्वयन, समन्वय और निगरानी के लिए तंत्र की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह कानपुर के उपनगरीय क्षेत्रों के आसपास अव्यवस्थित विकास को नियंत्रित करने के साथ उद्यमियों को संगठित निवेश के अवसर प्रदान करेगा।
इससे नगर विकास,औद्योगिक क्षेत्रों तथा आवासीय-अनावासीय संरचनाओं के निर्माण समेत भविष्य की जरूरतों के अनुसार सभी संसाधनों के विकास, संचालन व प्रबंधन की प्रक्रिया को बल मिलेगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए विशिष्ट टीम की तैनाती होगी जिसकी प्रक्रिया जारी है।
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