NCR Live News

Latest News updates

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की सहारनपुर मंडल में चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा,मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये निदेश,जनप्रतिनिधियों की जमीनी समझ और अनुभवों के आधार पर हो विकास कार्य।

सहारनपुर, 4 अगस्त।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के चतुर्दिक विकास के लिए शुरू की गई मंडलवार जनप्रतिनिधि संवाद शृंखला के तहत सोमवार को सहारनपुर मंडल के तीन जिलों, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली के जन प्रतिनिधियों के साथ एक विशेष समीक्षा बैठक की। यह बैठक सर्किट हाउस, सहारनपुर में आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से उनके निर्वाचन क्षेत्रों की स्थिति, जन अपेक्षाओं और विकासात्मक प्राथमिकताओं पर विस्तृत चर्चा की।

*सीएम ने जनप्रतिनिधियों और अफसरों संग किया गहन संवाद*
मुख्यमंत्री ने इस बैठक में प्रत्येक विधायक से व्यक्तिगत रूप से उनके क्षेत्र की समस्याओं और विकास योजनाओं पर विचार-विमर्श किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य केवल योजनाओं की समीक्षा करना नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों की ज़मीनी समझ और अनुभवों के आधार पर राज्य के सुदूर क्षेत्रों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ समझना और उनके समाधान को सुनिश्चित करना था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि सहारनपुर मंडल का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस क्षेत्र का पुनरुत्थान और समेकित विकास ‘नए उत्तर प्रदेश’ के निर्माण का मूलाधार है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सभी विकास प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की और संबंधित विभागों को समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण कार्यान्वयन के निर्देश दिए।

*प्रस्तावित विकास कार्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी पर सर्वाधिक जोर*
बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत विकास कार्यों में ब्लॉक मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी, इंटर-कनेक्टिविटी सड़कें, धार्मिक स्थलों तक पहुंच मार्ग, बाईपास, आरओबी, अंडरपास, फ्लाईओवर, मेजर और माइनर ब्रिज, रोड सेफ्टी उपाय, सिंचाई अवसंरचना जैसे कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शामिल थे। ये परियोजनाएं न केवल क्षेत्र की भौगोलिक चुनौतियों को दूर करेंगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में भी सहायक होंगी। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि सहारनपुर मंडल में इंटरस्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर करने की आवश्यकता वाले सभी कार्यों को विधायकों की अनुशंसा के आधार पर पहले चरण की कार्ययोजना में शामिल किया जाए। साथ ही, उन्होंने नगर विकास विभाग को निर्देशित किया कि किसी भी परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन अनिवार्य रूप से लिया जाए।

*जनप्रतिनिधियों का अनुभव, शासन के लिए मार्गदर्शक*
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का अनुभव और स्थानीय आवश्यकताओं की समझ शासन के लिए मार्गदर्शक है। हमारा लक्ष्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उनका समयबद्ध और ज़मीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों के अनुभवों और क्षेत्रीय इनपुट्स को नीति निर्धारण का आधार बनाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि शासन की मंशा हर योजना को ठोस परिणामों तक पहुंचाने की है। इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी, तकनीक का समुचित उपयोग होगा और कार्यों की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अपने क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यों की सतत निगरानी करें और स्थानीय जनभावनाओं के अनुरूप योजनाओं को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

इस अवसर पर मंत्री विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी उत्तर प्रदेश अनिल कुमार, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार व्यवसायिक शिक्षा, कौशल शिक्षा उत्तर प्रदेश कपिल देव अग्रवाल, राज्यमंत्री लोक निर्माण विभाग ब्रजेश सिंह, राज्यमंत्री संसदीय कार्य एवं औद्योगिक विकास जसवंत सैनी, महापौर डॉ0 अजय सिंह, विधायक नगर राजीव गुम्बर, विधायक गंगोह किरत सिंह, विधायक रामपुर मनिहारान देवेन्द्र निम, विधायक नकुड़ मुकेश चौधरी, जिलापंचायत अध्यक्ष मांगेराम चौधरी, वंदना वर्मा सदस्य विधान परिषद, मण्डलायुक्त अटल कुमार राय, पुलिस उप महानिरीक्षक अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी मनीष बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी, जिलाध्यक्ष भाजपा डॉ0 महेन्द्र सैनी, महानगर अध्यक्ष शीतल बिश्नोई मुख्य विकास अधिकारी सुमित राजेश महाजन सहित संबंधित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

About Author

एक्सक्लूसिव खबरें