February 6, 2025

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बिसरख पुलिस ने अवैध पिस्टल की फैक्टरी का किया खुलासा, 3 सगे भाइयों को किया गिरफ्तार।

गाजियाबाद से मेरठ शिफ्ट होने के दौरान शाहबेरी के पास से क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम और बिसरख पुलिस ने कार से अवैध रूप से पिस्टल बनाने की फैक्टरी का सामान पकड़ा है। पुलिस ने 3 सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान गाजियाबाद के केला भट्टा निवासी आफताब, शकील और सगीर के रूप में हुई है। कार से 10 पिस्टल और भारी मात्रा में औजार व असलाह बनाने में प्रयोग किए जाने वाला सामान बरामद किया गया है। आरोपी गाजियाबाद के केला भट्टा में फैक्टरी चला रहे थे, लेकिन पकड़े जाने की आशंका होने पर मेरठ शिफ्ट करने के लिए सामान लेकर ग्रेनो वेस्ट से गुजर रहे थे। आरोपी दिल्ली के हाशिम से पिस्टल बनाने का सामान खरीदते थे और मेरठ के रहीस को 500 पिस्टल बेच चुके हैं। खुलासा करने वाली टीम को पुलिस आयुक्त ने 40 हजार इनाम की घोषणा की गई है।


डीसीपी क्राइम अभिषेक के मुताबिक, शनिवार को क्राइम ब्रांच को मुखबिर से मिली थी कि कार से अवैध पिस्टल बनाने का काम करने वाले आरोपी गुजरने वाले हैं। सूचना पर स्वाट टीम प्रभारी शावेज खान और बिसरख कोतवाली प्रभारी अनिता चौहान की टीम आरोपियों की तलाश में जुट गई। पुलिस ने शाहबेरी के पास कार को रोककर चेकिंग की तो उसमें 10 पिस्टल और भारी मात्रा में असलाह बनाने का सामान मिला। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह मेरठ में नई फैक्टरी लगाने के लिए ले जा रहे थे। इससे पहले वह गाजियाबाद में फैक्टरी चला रहे थे। पिस्टल तैयार करने के लिए सामान दिल्ली निवासी हाशिम से लेते थे। जबकि पिस्टल को तैयार कर वह मेरठ निवासी रहीस को बेचते हैं।500 पिस्टल की कर चुके हैं बिक्री
आरोपी जिस तरह की पिस्टल तैयार कर बिक्री करते हैं। ऐसी पिस्टलों का प्रयोग बड़े गिरोह या उनसे जुड़े बदमाश करते हैं। आरोपी एनसीआर में अब तक 500 पिस्टल की बिक्री कर चुके हैं। पूरी आशंका है कि आरोपी एनसीआर या वेस्ट यूपी के बड़े गिरोह या उनसे जुड़े बदमाशों को पिस्टल बिक्री करते होंगे और इनकी पिस्टलों से कई वारदात को अंजाम दिया गया होगा। सोना-चांदी तराशने का काम जानते हैं आरोपी
पुलिस के मुताबिक, तीनों भाई लोहा और सोना-चांदी तराशने का काम जानते हैं। आरोपी सगीर सबमर्सिबल लगाने का काम जानता है। वह पिस्टल बनाने का मुख्य कारीगर भी है। आफताब और शकील आभूषण बनाने व बेचने का काम करते हैं। पिस्टल बनाने में होने वाले बारीक काम को करते हैं। इस हुनर को आरोपियों ने असलाह बनाने के काम में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया और अपने काम की आड़ में अवैध कारोबार करने लगे।शाहबेरी में बड़ी संख्या में मेरठ व गाजियाबाद के लोग रहते हैं। आरोपियों की कार भी शाहबेरी के पास से पकड़ी गई है। पुलिस दावा कर रही है कि गाजियाबाद से मेरठ जाने के दौरान आरोपियों को पकड़ा है जबकि सवाल उठ रहा है कि गाजियाबाद से मेरठ जाने के लिए ग्रेनो वेस्ट की ओर आना आवश्यक नहीं है। ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि आरोपियों के तार शाहबेरी से जुड़े हों।

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