आर्किटेक्चर के छात्रों को भविष्य की पर्यावरणीय निर्माण की जानकारी प्रदान करने एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग द्वारा ‘‘हरित शिक्षा’’ पर एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन एफ 3 ब्लाक सभागार, एमिटी कैंपस में किया गया। इस सम्मेलन का शुभांरभ द इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कांउसिल, वेस्टर्न यूपी चैप्टर के चेयरमैन श्री सचिन शर्मा,
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी संाइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा बी एल आर्या, और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के निदेशक डा अमित हजेला द्वारा किया गया।इस अवसर पर हरित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग और भारतीय उद्योग परिसंघ के द इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कांउसिल के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी किया गया। इस एमओयू के अंर्तगत छात्रों के लिए ग्रीन बिल्डींग एनवांयरमेंट पर प्रयोगिक और औद्योगिक उन्मुखी कोर्स को विकसित किया जायेगा, शिक्षकों को प्रशिक्षित कर उन्हे मान्यता प्राप्त संकाय के रूप में प्रमाणित करेगें। उद्योगों के विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान और साइट दौरे पर व्यावहारिक प्रदर्शन की उपलब्धता प्रदान की जायेगी। इसके अतिरिक्त छात्रों को आईजीबीसी मान्यता प्राप्त पेशेवर बनने के लिए तैयार करेगें और ग्रीन बिल्डिग एनवांयरमेंट में कैरियर बनाने के लिए उद्योगों की अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार करेगें।इस सम्मेलन का शुभांरभ द इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कांउसिल, वेस्टर्न यूपी चैप्टर के चेयरमैन श्री सचिन शर्मा ने कहा कि हरित शिक्षा और स्थायित्व वर्तमान में हर शहरी योजनाकार का मुख्य स्वरूप है और जीवन के लिए आवश्यक भी है। आज निर्माण क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है और इसके साथ ही बड़ी संख्या में पुरानी इमारत एवं निर्माण भी है जिनका उपयोग किया जा रहा है इसलिए हरित स्थायित्व और भी महत्वपूर्ण बन गया है। हमें अपनी जड़ों मं जाकर अपनी संस्कृती को समझना होगा कि प्राचीन समय में निर्माण में किस प्रकार हरित स्थायित्व को प्रमुखता दी जाती थी। द इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कांउसिल सेवाओं की विस्तृत श्रंृखंला प्रदान करती जिसमें नए ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग कार्यक्रम, प्रमाणन सेवाएं और ग्रीन बिल्डिग प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करना है। यह कांउसिल हरित भवन अवधारणाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकारों, एजेंसियो, परिषदों के साथ मिलकर कार्य करती है। उन्होनें छात्रों से कहा कि आप युवा पीढ़ी पर नये शहरों और निर्माण की जिम्मेदारी है इसलिए पर्यावरण और स्थायित्व का ध्यान रखें क्योकी इसके लिए सभी खाताधारको को मिलकर प्रयास करना होगा।एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी और भारतीय उद्योग परिसंघ के संबंध काफी पुराने है और हम कई क्षेत्रों में एक दूसरे के सहयोगी है। आज के इस एमओयू ने एक कदम और आगे बढ़ कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया है। एमिटी ने सदैव उद्योग अकादमिक सहयोग के मूल मंत्र पर ध्यान रखकर छात्रों को शिक्षा देने और उद्योगों के अनुरूप तैयार करने का काम किया है। डा शुक्ला ने कहा उद्योगों को प्रशिक्षित मानव संसाधन मिलेगें तभी उद्योगों, अर्थव्यवस्था और राष्ट्र का विकास संभव है। पर्यावरण समावेश निर्माण, स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है और बढ़ते शहरों, नये निर्माण के साथ यह भी आवश्यक है कि हम पर्यावरण का संरक्षण करे। उन्होनें कहा कि आप वर्तमान के साथ आने वाली कई वर्षो की चुनौतियों के समाधान को ध्यान में रखकर कार्य करें।एमिटी संाइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा कि यह समझौता पत्र एक मील का पत्थर साबित होगा जो ना केवल शिक्षण बल्कि हरित निर्माण पर्यावरण की दिशा में शोध को बढ़ावा देगा। वर्तमान में भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बन रहा है और नई संरचना का निर्माण हो रहा है इसलिए ऐसे विशेषज्ञों की आवश्यकता है जो हरित निर्माण को बेहतर तरीके से समझते है। हमें विकास एवं हरित संरचना के मध्य संतुलन स्थापित करना होगा। यह एमओयू सभी को ढेरो अवसर प्रदान करेगा।एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के निदेशक डा अमित हजेला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस एमओयू का उददेश्य सतत विकास लक्ष्य 11 के तहत वैश्विक एजेंडा के अनुरूप मान्यता प्राप्त संकाय और आईजीबीसी मान्यता प्राप्त पेशेवर सहयोगी बनने के लिए प्रमाणन प्राप्त करने के लिए संकाय और छात्रों को प्रशिक्षित करना है।तकनीकी सत्र के अंर्तगत द इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कांउसिल, वेस्टर्न यूपी चैप्टर के चेयरमैन सचिन शर्मा ने भविष्य का निर्माण पर, द इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कांउसिल, वेस्टर्न यूपी चैप्टर के को -चेयरमैन के डी सिंह ने लो कार्बन एंड संसटेनेबल फ्युचर पर और भारतीय उद्योग परिसंघ के द इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कांउसिल के वरिष्ठ काउंसलर श्री पुनित अग्रवाल ने अपडेट ऑन ग्रीन बिल्डिंग मूवमेंट पर अपने विचार रखे।
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