
नालिज पार्क स्थित जीएनआईओटी संस्थान की श्रीराम सेन्ट्रल लाइब्रेरी में ‘राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस’ के उपलक्ष्य में भारत में पुस्तकालय विज्ञान के जनक *डॉ. एसआर रंगनाथन* की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें विद्वान वक्ताओं द्वारा पुस्तकालयों तथा पुस्तकालय विज्ञान के जनक के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्थान के निदेशक *डा. धीरज गुप्ता* , ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट निदेशक *डा. बबिता कटारिया* , एमबीए निदेशक *डा. अंशुल शर्मा* , इलिक्ट्रीकल एवं इलेक्ट्रानिक्स के डीन *प्रो० एस.एन. शरण,* वाइस प्रेसिडेंट (प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग) *श्री नितिन मेहरा* तथा हैड लाइब्रेरियन *श्री एस.डी. नौटियाल* ने माँ सरस्वती वंदना तथा डॉ. एसआर रंगनाथन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया!
कार्यक्रम संयोजक हैड लाइब्रेरियन श्री एस.डी. नौटियाल ने पुस्तकों के महत्व, नवीन तकनीकी युग में पुस्तकालयों की प्रासंगिकता एवं चुनौतियां’ विषय पर अपने सारगर्भित भाव व्यक्त किए करते हुए कहा कि प्रोफेसर रंगनाथन दिल्ली विश्वविद्यालय में पुस्तकालय विज्ञान के संस्थापक होने के साथ साथ इस विषय से पहले पद्मश्री सम्मान से सम्मानित अकादमिक शख्सियत रहे हैं. उनके सम्मान में भारत सरकार द्वारा डाक टिकट भी जारी किया जा चुका है.
मुख्य वक्ताओं ने उत्कृष्ट सेवा एवं कार्यों के लिए पुस्तकालय के सभी कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि किसी भी संस्थान की उन्नति में पुस्तकालयों का बहुत अहम योगदान होता है और इसलिए इस तकनीकी युग में भी पुस्तकालयों की प्रासंगिकता सदैव रहेगी।
इस अवसर पर जीएनआईओटी ग्रुप के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, साहित्य प्रेमी, पुस्तकालय स्टाफ तथा गणमान्य नागरिक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
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