इस दशक के सबसे बड़े संकटों में से एक कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है।शनिवार सुबह तक देशभर में कोरोना वैक्सीन की 1.84 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं। और 23 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है। इसी के साथ भारत ने दुनिया के 71 देशों को कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध कराई हैं. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को बताया कि भारत में जल्द ही कोरोना की छह से ज्यादा नई वैक्सीन आने वाली हैं।
शनिवार को राष्ट्रीय पर्यावरणीय स्वास्थ्य संस्थान के नए भवन का शुभारंभ करने के दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत में अभी दो स्वदेशी वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हो गया है।
अब छह और वैक्सीन जल्द ही आएंगी। इसी के साथ उन्होंने बताया कि देश में टीकाकरण कार्यक्रम भी तेजी से चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार को शाम 7 बजे तक 2.91 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
“कई और देश कर रहे भारत की वैक्सीन की मांग”
उन्होंने कहा, “शनिवार, 13 मार्च को 20 लाख लोगों को टीका लगाया गया।इसी के साथ कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए भारत केवल अपनी ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की मदद कर रहा है।भारत ने दुनिया के 71 देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराई है. कनाडा, ब्राजील और अन्य विकसित देश बड़े उत्साह के साथ भारतीय वैक्सीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी के साथ कई और देश भी भारत की वैक्सीन की मांग कर रहे हैं. और अब आधा दर्जन से ज्यादा नए टीके जल्द ही आने वाले हैं।PM मोदी करना चाहते हैं नए भारत का निर्माण
कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नए भारत का निर्माण करना चाहते हैं। ताकि भारत को ‘विश्व गुरु’ बनाया जा सके।यह समय एक वैज्ञानिक लड़ाई का है न कि एक राजनीतिक लड़ाई का, इसलिए विज्ञान का सम्मान करने और वैक्सीन पर राजनीति को खत्म करने की जरूरत है. हमें एकजुट होकर काम करना चाहिए। हमारे वैज्ञानिकों के प्रयास सराहनीय हैं क्योंकि उनकी मेहनत के कारण ही हमने ये सब हासिल किया है.” उन्होंने कहा कि साल 2020 को कोरोना वर्ष होने के अलावा, विज्ञान और वैज्ञानिकों के साल के रूप में भी याद किया जाएगा।
‘देश में फिर से क्यों बढ़ रहे कोरोना के मामले?’
उन्होंने आगे कहा कि महामारी की शुरुआत में कोरोना टेस्ट के लिए भारत में केवल एक लैब थी, लेकिन अब हमारे पास 2,412 परीक्षण सुविधाएं हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाने में ICMR की मदद की. लोगों ने भी इसकी तारीफ की है। हालांकि, वैक्सीन को लेकर कुछ लोगों ने भ्रम पैदा करने की भी कोशिश की, लेकिन सच्चाई की जीत जरूर होती है।वहीं, देश में फिर से बढ़ रहे संक्रमण के खतरे को लेकर उन्होंने कहा कि यह लापरवाही और गलतफहमी का नतीजा है।
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