February 5, 2025

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लॉ स्टूडेंट से रेप के आरोप में चिन्मयानंद को कोर्ट ने किया बरी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व भाजपा नेता चिन्मयानंद पर 2019 में लॉ स्टूडेंट से रेप करने, बंधक बनाने का आरोप लगा था। अब 26 मार्च को इस संबंध में MP-MLA कोर्ट का फैसला आया है।अदालत ने चिन्मयानंद को आरोपों से बरी कर दिया।बंधक बनाने के मामले में भी चिन्मयानंद और उनके साथियों को बरी कर दिया गया है। अदालत का कहना है कि सभी गवाह कोर्ट में अपने बयानों से मुकर गए, जिसके बाद चिन्मयानंद को बरी किया जाता है. बताते चलें कि जिस लड़की ने चिन्मयानंद के ख़िलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, वो भी 2020 में अपने बयान से मुकर गई थी।

क्या है पूरा मामला
24 अगस्त, 2019 को चिन्मयानंद के लॉ कॉलेज की एक छात्रा का कथित वीडियो फेसबुक पर सामने आया, जिसमें उसने चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाया. उसने ख़ुद की और परिवार की जान को ख़तरा बताया. इसके बाद छात्रा लापता हो गई. 3 दिन बाद छात्रा के पिता ने शाहजहांपुर में अपहरण का मामला दर्ज कराया. इसके भी 3 दिन बाद राजस्थान के दौसा में छात्रा एक दोस्त के साथ यूपी पुलिस को मिली। सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया और छात्रा को कोर्ट में पेश किया गया. SIT गठित हुई. 5 सितंबर 2019 को छात्रा ने दिल्ली के लोधी रोड पुलिस स्टेशन में 12 पेज की FIR दर्ज कराई, जिसमें रेप की शिकायत थी।कुछ ही दिन बाद चिन्मयानंद गिरफ्तार हो गए।भाजपा ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया. इसके बाद SIT ने छात्रा और उसके तीन दोस्तों के ख़िलाफ़ उगाही के आरोप में मामला दर्ज किया। छात्रा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भी भेजी गई।बाद में छात्रा को जमानत मिल गई।

3 फरवरी, 2020 को चिन्मयानंद को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई. हाईकोर्ट ने मामला लखनऊ की MP-MLA स्पेशल कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया. इसी कोर्ट में सुनवाई के दौरान छात्रा ने अपना पुराना स्टैंड बदल लिया और कहा कि उसने चिन्मयानंद पर यौन शोषण के कोई आरोप नहीं लगाए।उसने दावा किया कि ऐसा उसने दबाव में किया था. इसी के बाद से केस का रुख़ बदल गया था।

कौन हैं चिन्मयानंद
चिन्मयानंद का पुराना नाम कृष्णपाल सिंह है।यूपी के गोंडा ज़िले के रहने वाले चिन्मयानंद ने 20 साल की उम्र में संन्यास लिया और अस्सी के दशक में शाहजहांपुर आ गए. अस्सी के दशक में राम मंदिर आंदोलन ने ज़ोर पकड़ा तो चिन्मयानंद भी साथ हो लिए. 1991 में बदायूं से भाजपा का टिकट मिला, जीते।इसके बाद पॉलिटिकल करिअर चढ़ता गया।बाद में अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे।

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