उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में मेजर एसडी सिंह पीजी कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रबंधक, निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख व डॉक्टर समेत 9 लोग बच्चा गायब करने के आरोप में फंस गए हैं। पीड़ित की अर्जी पर सीजेएम ने मऊदरवाजा थानाध्यक्ष को रिपोर्ट लिखने का आदेश दिया है।
मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के गांव भरतपुर रसूलपुर निवासी गौतम ने हॉस्पिटल के प्रबंधक, डॉ. अनीता रंजन (निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख), बीएस यादव, तीन अज्ञात डॉक्टर व तीन अज्ञात सहयोगी स्टाफ के खिलाफ कोर्ट में अर्जी दायर की। इसमें कहा कि पत्नी रेनू गर्भवती थी। बाबू सिंह जय सिंह आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल भाऊपुर बेवर रोड फतेहगढ़ में जाकर उसका अल्ट्रासाउंड कराया था। इसमें डॉक्टरों ने जुड़वा बच्चों के होने की रिपोर्ट दी थी। 29 दिसंबर 2020 को प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी को 30 दिसंबर को दिन में 3 बजे भर्ती कराया। डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखकर 2 बच्चे होने की बात कहकर तुरंत ऑपरेशन की सलाह दी। भतीजे ने फार्म पर हस्ताक्षर किए।
ऑपरेशन के बाद जनरल वार्ड में शिफ्ट होने के दौरान पत्नी ने उसे 1 बेटा और 1 बेटी होने की जानकारी दी। नर्स ने भी इसकी पुष्टि की। डॉक्टर ने बच्चों की हालत ठीक न होने से मशीन में रखने की बात कही। 3 जनवरी 2021 को डॉक्टरों ने पत्नी को बेटी दी। बेटा न देने पर पूछताछ की तो डॉ.अनीता रंजन, बीएस यादव व अन्य डॉक्टरों ने 1 बच्चा होने की बात कही। इसका विरोध करने पर डॉक्टर नाराज होने लगे। कर्मचारियों ने उसके साथ मारपीट की। पत्नी व उसे बच्ची देकर मेडिकल कॉलेज से भगा दिया। इसकी शिकायत अधिकारियों से की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। पीड़ित के अधिवक्ता उमेश मिश्रा ने दलीलें पेश कीं। सुनवाई के बाद सीजेएम ने मऊदरवाजा थानाध्यक्ष को रिपोर्ट लिखने का आदेश दिया है। डॉ.अनीता रंजन सपा के पूर्व प्रदेश सचिव डॉ. जितेंद्र यादव की पत्नी हैं। इन्हीं का मेडिकल कालेज है।
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