उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा में बनने वाले हवाई अड्डे के पहले चरण के लिए सरकारी एजेंसी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को पट्टे पर दी जाने वाली जमीन के लिए स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क माफ करने का फैसला किया है।नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट यूपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट।एयरपोर्ट की जमीन पट्टे पर देने के लिए सीएम योगी का फैसला।स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क माफ। उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा में बनने वाले हवाई अड्डे के पहले चरण के लिए सरकारी एजेंसी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को पट्टे पर दी जाने वाली जमीन के लिए स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क माफ करने का फैसला किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई बैठक में लिया गया।
उत्तर प्रदेश विभाग के नागरिक उड्डयन विभाग में नोएडा में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण के निर्माण के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर लिया हैयह जमीन हवाईअड्डा परियोजना के लिए एनआईएएल को लीज पर दी जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया, नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के लिए कैबिनेट ने अधिग्रहित 1,334 हेक्टेयर भूमि पर स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क माफ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।गौरतलब है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा ड्रीम प्रोजेक्ट है।यमुना प्राधिकरण ने जेवर एयरपोर्ट के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इससे नंगला गणेशी, नंगला छीतर, किशोरपुर, नंगला शरीफ, नंगला फूलखां, दयानतपुर खेड़ा और रोही गांव की आबादी प्रभावित हुई है. इनके पुनर्वास के लिए जेवर बांगर में भूखंड आवंटित किए गए हैं. जेवर बांगर में प्रत्येक गांव के लिए एक अलग ब्लॉक तैयार किया गया है।
नोएडा हवाई अड्डे के नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया के मुताबिक आम तौर पर जमीन लीज पर देते वक़्त पट्टेदार को भूमि के कुल सर्किल रेट का एक प्रतिशत पंजीकरण शुल्क में और 7 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क में देना होता है।शैलेंद्र भाटिया ने कहा कि इस महत्वपूर्ण परियोजना पर विकास कार्य को आगे बढ़ाने के लिए एनएआईएल को भूमि पट्टे पर देना महत्वपूर्ण था।एनआईएएल ने काम करने के लिए 40 साल की अवधि के लिए एक छूटग्राही का चयन किया है, जो तभी आगे बढ़ सकता है जब एनआईएएल के पास पट्टे पर जमीन हो। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए ग्लोबल टेंडर के माध्यम से सबसे अधिक प्रति पैसेंजर प्रीमियम की बोली 400.97 रुपए लगाने वाली कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को विकास कर्ता के रूप में चयनित भी किया जा चुका है। इस एयरपोर्ट को भारत सरकार की हाई स्पीड रेल लाइन से भी जोड़े जाने की योजना है, जो दिल्ली से होते हुए नोएडा, जेवर, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी तक पहुंचेगी।हाई स्पीड रेल की कुल लंबाई 816 किलोमीटर है जो औसतन करीब 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी. 2023 में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
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