ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के चाई फोर में पूर्व में निर्मित नाले की छत गिरने से दबकर दो मजदूरों की मौत की घटना से आहत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने नाले का निर्माण करने वाली फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच उच्चस्तरीय तकनीकी संस्था से कराने को कहा है। खराब गुणवत्ता मिलने पर तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।ग्रेटर नोएडा के सेक्टर चाई-फोर में पेरीफेरल रोड के किनारे पूर्व नाली का निर्माण कराया गया था। इसका निर्माण साईं कंस्ट्रक्शन के द्वारा किया गया था। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से जलभराव की स्थिति को देखते हुए बृहस्पतिवार को नाले में जमीं सिल्ट की निकासी का कार्य कराया जा रहा था। बृहस्पतिवार दोपहर करीब 12:00 बजे अचानक प्राधिकरण के अधिकारियों को सूचना मिली कि सेक्टर चाई फोर में नाले की सिल्ट निकालते समय छत टूटकर गिरने की वजह से 2 श्रमिक दब गए हैं। घटना के तुरंत बाद घायलों को ग्रेटर नोएडा के यथार्थ अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के दौरान दो श्रमिकों रिजवान (20) और दिलशाद (19) की मौत हो गई। यह दोनों कलौंदा (दादरी) के निवासी थे। घटना की सूचना मिलते ही प्राधिकरण के महाप्रबंधक केआर वर्मा अपनी वर्क सर्किल के अधिकारियों की टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। महाप्रबंधक परियोजना केआर वर्मा ने बताया कि प्रथम दृष्टया मौके पर पाया गया है कि पूर्व में निर्मित नाले की गुणवत्ता खराब होने से छत टूटने की घटना घटी है।। नाले की छत में लगी सरिया भी निम्न गुणवत्ता की थी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह के निर्देश पर नाली का निर्माण करने वाली संबंधित एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके साथ ही इसके गुणवत्ता की उच्चस्तरीय तकनीकी संस्था से कराकर दोषी तत्कालीन अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने नाले का निर्माण करने वाली संस्था के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और उच्चस्तरीय तकनीकी संस्था से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
सभी पुराने नालों की गुणवत्ता का होगा ऑडिट : एसीईओ
ग्रेटर नोएडा। सेक्टर चाई फोर के जैसी घटना फिर न दोहराए, इसके लिए प्राधिकरण सभी पुराने नालों की गुणवत्ता का सेफ्टी ऑडिट कराएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ अमनदीप डुली ने परियोजना विभाग को उच्चस्तरीय तकनीकी संस्था का चयन कर सभी पुराने नालों की ऑडिट कराने को कहा है। ऑडिट रिपोर्ट में जिन नालों की गुणवत्ता खराब मिलेगी, उनको बनाने वाली फर्म से ही उसे रिपेयर कराया जाएगा।
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