फरवरी 09, 2021 एमिटी इंस्टीटयूट आफ ट्रेनिंग डेवलपमेंट और एमिटी इंस्टीटयटू आफ पब्लिक हेल्थ द्वारा विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के सहयोग से ‘‘सस्ती और सुलभ स्वास्थय सेवाओं के लिए पांरपरिक चिकित्सा के साथ आधुनिक दृष्टिकोण’’ विषय पर आयोजित पांच दिवसीय आॅनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंर्तगत आज द्वितीय दिन विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों के माध्यम से पांरपरिक चिकित्सा पद्धती के महत्व की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ पब्लिक हेल्थ के निदेशक डा राजीव जनार्दन ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय दिन विशेषज्ञों ने होम्योपैथी, सिद्धा और यूनानी के महत्व की व्याख्या की।
पांच दिवसीय आनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंर्तगत आज भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सेंट्रल कांउसिल आफ होम्योपैथी के महानिदेशक डा अनिल खुराना ने होम्योपैथी की आवश्यकता और उपचार का सुरक्षित तरीका बताते हुए कहा कि 2001 से 2011 तक जनसंख्या के अतिवृ़िद्ध के कारण रोगी प्रवाह 1ण्13 मिलियन से 2011 में 18 मिलियन तक बढ़ गया है। उन्होनें कहा कि कई प्रकार के उपलब्ध डेटा लोगों के मध्य धीरे धीरे बढ़़ रही होम्योपैथी की बढ़ती लोकप्रियता और सार्वजनिक मांग को दर्शा रहा है। उन्होनें कहा कि होम्योपैथी अपनी लागत प्रभावशीलता के कारण आधुनिक समय में चिकित्सा की सबसे सस्ती प्रणाली है। कोविड के उपचार के लिए भी होम्योपैथी का उपयोग लाभकारी सहायक के रूप में किया गया हैे। उन्होनें हितधारकों, नीति निर्माताओं और पांरपरिक चिकित्सा उपचार करने वालों का निती निर्माण और रणनितिक माॅडलों का डिजाइन किये जाने का आह्वान भी किया।
चेन्नई के स्ध्दि सेंट्रल रिसर्च इंस्टीटयूट के एस्सीटेंट डायरेक्टर डा पी साहित्या राजेश्वरन जिन्हे देशी और पांरपरिक चिकित्सा के मध्य उपचार का माध्यम चयन करने के लिए मरीजों के अधिकार प्रदान करने के लिए सम्मानित किया गया है। डा राजेश्वरन ने कहा कि सिध्द को एक उल्लेखनीय और भरोसेमंद उपचार पद्धती के रूप में दृढ़ता से ध्यान केन्द्रीत उनको वैज्ञानिक साक्ष्य के रूप में शामिल किया जाये। काॅबासुरा कुंडनीर ने कोविड 19 के इलाज में उल्लेखनीय प्रभाव प्रदर्शित किया है। कई मेडिकल काॅलेज भी सहायक चिकित्सा के लिए सिद्ध उपचार की जानकारी हासिल कर रहे है।आयुष मंत्रालय के सेंट्रल कांउसिल आॅफ रिसर्च इन यूनानी मेडिसिन के महानिदेशक डा असीम अली खान ने विकासशील चिकित्सा शाखा के रूप में एकीकृत चिकित्सा की अवधारणा जो मुख्य चिकित्सा और पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा उपचारों को जोड़ने पर जोर दिया। डा खान ने कहा कि एकीकृत सेवा वितरण संगठन और स्वास्थय सेवाओं के प्रबंधन की स्थापना पर ध्यान केन्द्रीत करना जरूरी है जिससे लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार ख्याल रखा जाये।
पांच दिवसीय आयोजित आॅनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय दिन ‘‘यूनानी, सि़द्ध और होम्योपैथी – भारतीय जड़ों को पुनरूत्ािान’’ विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सेंट्रल कांउसिल आफ होम्योपैथी के महानिदेशक डा अनिल खुराना, आयुष मंत्रालय के सेंट्रल कांउसिल आफ रिसर्च इन यूनानी मेडिसिन के महानिदेशक डा असीम अली खान, दिल्ली के आयुष के होम्योपैथी विंग डायरेक्टोरेट की चीफ मेडिकल आॅफिसर डा मीना गुप्ता, चेन्नई के स्ध्दि सेंट्रल रिसर्च इंस्टीटयूट के एस्सीटेंट डायरेक्टर डा पी साहित्या राजेश्वरन, डा.विल्मर स्वैब इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के वैज्ञानिक एवं मेडिकल अफेयर के प्रमुख डा आर वालावन, हमदर्द लैबोरेटरीज इंडिया के शोध एवं विकास विभाग के प्रमुख डा संतोष जोशी ने अपने विचार व्यक्त किये।
More Stories
किसान एकता महासंघ की बैठक ग्रेटर नोएडा कासना के 6% आवासीय प्लॉट सी ब्लॉक कसाना में संपन्न हुई।
पतंजलि ग्रुप औद्योगिक विस्तार को तेज़ी से आगे बढ़ाने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक,आचार्य बालकृष्ण प्लॉट नंबर 1A,सेक्टर 24A,YEIDA पहुंचे,उन्होंने पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क की सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह से आगामी योजनाओं पर चर्चा की।
ग्रेटर नोएडा में 5 मई को होगा श्री महाराजा अग्रसेन भवन का भव्य उद्घाटन,नव निर्मित भवन में अग्रोहा धाम से लायी गयी पावन पाषाण हुई स्थापित।