यूएसए के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ‘‘एजुकेशन ट्रेड मिशन’’ ने अमेरिका के विश्वविद्यालयों और एमिटी विश्वविद्यालयों के मध्य सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा करने और अवसरों की तलाश के लिए एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश का दौरा किया। इस यात्रा का आयोजन यूएस कमर्शियल सर्विस डिपार्टमेंट, भारत में संयुक्त राज्य अमेरिका के दूतावास द्वारा किया गया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सैन जोस के यूएस कमर्शियल सर्विस की ग्लोबल एजुकेशन टीम लीडर सुश्री गेब्रिएला जे़लया और यूएस कमर्शियल सर्विस मुबंई के कमर्शियल ऑफिसर श्री हेरोल्ड ‘ली’ ब्रेमैन ने किया था। इस प्रतिनिधिमंडल में लगभग 20 अमेरिकी विश्वविद्यालय जैसे वर्जिीनिया विश्वविद्यालय, सिटी यूनिविर्सिटी ऑफ सिएटल, सनी स्टोनी बुक विश्वविद्यालय, सेंट मार्टिन विश्वविद्यालय और पेंसिल्वेनिया स्टेट विश्वविद्यालय के साथ उच्च प्रोफाइल अमेरिकी सरकार के अधिकारी सहित 90 सम्मानित गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
सैन जोस के यूएस कमर्शियल सर्विस की ग्लोबल एजुकेशन टीम लीडर सुश्री गेब्रिएला जे़लया ने संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षो में भारत और अमेरिका ने अच्छे द्विपक्षीय संबंध साझा किए है और आज भारत अमेरिका का सबसे बड़ा निर्यात और व्यापारिक भागीदार है। इस यात्रा और समझौाता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के माध्यम से अमेरिकी विश्वविद्यालय और एमिटी एक पारस्पिरिक रूप से लाभकारी रणनीतिक साझेदारी की शुरूआत करेगें जिसमें शैक्षणिक, अनुसंधान, तकनीकी, वैज्ञानिक, उद्योग सहयोग जैसे सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है। हम भारत और अमेरिका के मध्य अंर्तराष्ट्रीय व्यापार सहित सभी क्षेत्रों में भारत के साथ अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत की नई शिक्षा नीति में एक वैश्विक दृष्टिाकोण शामिल है और इस सहयोग के माध्यम से हमारा उददेश्य दोनो देशों के लाभकारी उच्च शिक्षा और ई प्रथाओं को अपनाना है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के चांसलर डा असीम चौहान ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल की विविधता और परिमाण इस तक्ष्य को उजागर करता है कि एमिटी और अमेरिकी विश्वविद्यालय एक साथ बड़ा प्रभाव पैदा कर सकते है और विश्व में परिवर्ततन ला सकते है। एमिटी और अमेरिकी विश्वविद्यालय अनुसंधान, नवाचार, तकनीकी विकास और परिणाम आधारित शिक्षा का तालमेल बनाते है इसलिए यह सहयोग संस्थानों और दोनों देशों के लिए अत्यधिक मूल्यवान होगा। शिक्षा के माध्यम से प्राप्त ज्ञान देश के आर्थिक विकास में योगदान देता है और वैश्विक जोखिम विकसित होता है इसके अतिरिक्त छात्रों के मध्य अंर्तराष्ट्रीय दृष्टिकोण और परिपेक्ष्य विकसित होता है जो उन्हे दुनिया का वैश्विक नागरिक बनाता है।एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा श्रीमती बलविंदर शुक्ला ने कहा कि एमिटी ने ना केवल भारत बल्कि विश्व स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र एक आयाम स्थापित किया है। एमिटी छात्रों को वैश्विक अनावरण प्रदान करता है और शिक्षा के बहु अनुशासनात्मक पहलू पर ध्यान केद्रित करता है। जब दो देशों के शैक्षणिक संस्थान सहयोग करते है तो वे पारस्परिक सहयोग, द्विपक्षीय सोच, समग्र दृष्टिकोण और संयुक्त प्रयासों के माध्यम से विश्व में बदलाव ला सकते है और विकास में योगदान करत सकते है। एमिटी, अमेरिकी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर कार्य करने करके विश्व का नेतृत्व आर्थिक विकास के पथ पर नेतृत्व करने के लिए बेहद खुश है।इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट के सीईओ डॉ नितिन बत्रा, एमिटी यूनिवर्सिटी ऑनलाइन के उपाध्यक्ष श्री अभय चौहान और एमिटी कैपटल वेंचर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमोल चौहान भी उपस्थित थे।एमिटी गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने नई शिक्षा नीति 2020 और एमिटी की यूएस उपस्थिती और वर्तमान साझेदारी पर प्रस्तुती प्रदान की। एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ति ने एमिटी द्वारा किये गए इनोवेशन एंड रिसर्च पर प्रस्तुती दी। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने कैपस का दौरा भी किया।
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