February 5, 2025

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एमिटी विश्वविद्यालय में चतुर्थ अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘टीआरएसीई – 2022’’ का शुभारंभ।

छात्रों को सिविल इंजिनियरिंग के क्षेत्र में हो रही नवीनतम प्रवृत्तियों की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सिविल इंजिनियरिंग विभाग द्वारा ‘‘ सिविल इंजिनियरिंग मे आधुनिक प्रगति और प्रवृत्ति’’ पर दो दिवसीय चतुर्थ अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘ टीआरएसीई 2022’’ का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ सीएसआईआर के केद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा मनोरंजन परिड़ा, कंस्ट्रक्शन स्कील डेवपलमेंट कांउसिल ऑफ इंडिया की सीईओ नरेन्द्र देशपांडे, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एडिशनल डायरेक्टर डा सुधीर चिंतालपति, नेपाल के काठमांडू स्थित इंस्टीटयूट ऑफ इंजिनियरिंग के डा भोला एनएस घिमिरे, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में देश विदेश से विशेषज्ञ, शोधार्थी, उद्यमी आदि अपने विचार रखेगें।सीएसआईआर के केद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा मनोरंजन परिड़ा ने संबोधित करते हुए कहा कि यह सम्मेलन छात्रों को बेहतरीन जानकारी प्रदान करेगा और उद्योग अकादमिक का एक साझा मंच बनेगा।

छात्रों को जानना चाहिए कि सिविल इंजिनियरिंग के क्षेत्र में आधुनिक परिवर्तन का हिस्सा बनने के लिए उन्हे क्या और कैसे करना है। उन्होनें कहा कि केद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान, सड़को तथा हवाई पटिटयों के अभिकल्प, निर्माण, रख रखाव, शहरों की यातायात व परिवहन परियोजना, मार्जिंनल सामग्री मे सुधार, सड़क निर्माण में अपशिष्ट की उपयोग, प्रदूषण और सुरक्षा पर अनुसंधान आदि कार्य करता है और विभिन्न संगठनों को तकनीकी एवं परामर्श सेवाएं प्रदान भी करता है।

डा परिड़ा ने छात्रो से कहा कि सिविल इंजिनियरिंग, समाज से जुड़ने का एक अवसर प्रदान करता है। केद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान, परिवहन सिविल इजिनियरिंग के अंर्तगत सड़को की सुरक्षा सहित पर्यावरण पर प्रभाव जैसे ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण का कम करने का प्रयास करता है। आज बुद्धिमान परिवहन प्रणाली की बात हो रही है जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी, एआई, डाटा साइंस, 3 डी प्रिटिंग तकनीकी का उपयोग किया जा रहा है।

सिविल इंजिनियरिंग के क्षेत्र मे आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए बहु संस्थानों के सहयोग की आवश्यकता होगी।कंस्ट्रक्शन स्कील डेवपलमेंट कांउसिल ऑफ इंडिया की सीईओ नरेन्द्र देशपांडे ने संबोधित करते हुए छात्रों से कहा कि आपने विश्व की सदाबहार उद्योगक्षेत्र सिविल इजिनियरिंग को अपने कैरियर के लिए चुना है जहां निर्माण उद्योग सहित ढेरो अवसर उपलब्ध है। आपको सम्मेलन के माध्यम से और शिक्षको के अनुभवों से अधिक से अधिक सीखने का प्रयास करना चाहिए जिससे आपके कौशल विकसित हो सके। आजादी के उपरांत ज्ञान और कौशल के मध्य एक बड़ा रिक्त स्थान आ गया था कितुं कौशल को कभी भी ज्ञान से अलग नही किया जा सकता है। नई शिक्षा नीती आपको समग्र विकास का मौका प्रदान कर रही है। उन्होनें कहा कि अपने शिक्षण के इन समय का सद्उपयोग करें और स्वंय को उद्योगों के अनुरूप तैयार करें क्योकी कौशल का कोई विकल्प नही होता है।पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एडिशनल डायरेक्टर डा सुधीर चिंतालपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय मे ंहम नेपथ्य में कार्य नही कर सकते है यह युग अंतविषयक और बहुविषयक शोध व नवाचार का है। अंतः विषयक दृष्टिकोण, सिविल ंइजिनियरिंग, औद्योगिक क्षेत्र, परिवहन क्षेत्र, पर्यावरण क्षेत्र के साथ मिलकर वायु प्रदूषण रोकने के लिए मिलकर कार्य करना होगा। इस प्रकार के सम्मेलन छात्रों को शोध के नये विषयों के साथ मार्गदर्शन भी प्रदान करेगें।नेपाल के काठमांडू स्थित इंस्टीटयूट ऑफ इंजिनियरिंग के डा भोला एनएस घिमिरे ने कहा कि जब से सभ्यता का विकास हुआ है तब से सिविल इंजिनियरिंग की आवश्यकता है और सिविल ंइजिनियरिंग लगभग सभी क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है। इस सम्मेलन के दौरान प्राप्त ज्ञान का उपयोग आपके कैरियर विकास में सहायक होगा।एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि सिविल इंजिनियरिंग किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एमिटी इस प्रकार के सम्मेलनों द्वारा छात्रों को नवीनतम प्रगति और प्रवृत्तियों की जानकारी प्रदान करती है जिससे उन्हे उद्योगों की अपेक्षाओ ंके अनुरूप तैयार किया जा सके। वर्तमान समय में हरित तकनीकी का उपयोग करके पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को कम किया जा रहा है इसलिए सिविल इंजिनियरिंग के क्षेत्र मे ंभी हरित तकनीकी के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। यह सम्मेलन छात्रों को जानकारी के साथ आपसी सहयोग के अवसरों को बढ़ावा देगा।इस अवसर पर सम्मेलन पर अतिथियों द्वारा सम्मेलन पर आधारित सार पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।तकनीकी सत्र के अंर्तगत आज सम्मेलन के प्रथम दिन विशेषज्ञों ने वूमेन इंजिनियरिंग – ब्रेकिंग द बैरियर एंड इंजिनियरिंग द फ्युचर, आत्मनिर्भर भारत – कंस्ट्रक्शन उद्योग का सहयोग पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त रिसेंट डेवलपमेंट इन वाटर रिर्सोसेस एंड ट्रांसर्पोेटेशन इंजिनियरिंग, रिसेंट डेवलपमेंट इन जियोटेक्नीक इंजिनियरिंग, रिसेंट डेवलपमेंट इन स्ट्रक्चर इंजिनियरिंग आदि पर पेपर प्रस्तुत किये। इस सम्मेलन में एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त निदेशक डा अभय बंसल, डा मनोज पांडेय, एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सिविल इंजिनियरिंग विभाग के प्रमुख डा आर के तोमर, डा माधुरी कुमारी आदि उपस्थित थीे।

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