NCR Live News

Latest News updates

जी एन आई ओ टी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के प्रांगण मे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक परिचर्चा।

ग्रेटर नोएडा दिनांक 7 मार्च 2024 को जी एन आई ओ टी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के सोशल क्लब “प्रयास ” एवं आइ आइ सी सेल द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में “जेंडर समानता और महिलाओं को सशक्त बनाना ” विषय पर परिचर्चा का आयोजन हुआ ।

नारी उदय के संदर्भ में विद्यालयी वातावरण में जेंडर समानता पर प्रकाश डालने की आवश्यकता है और यह अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि विद्यालय का समाजीकरण में सीधा एवं बहुत गहरा संबंध है। अतः आवश्यकता है विद्यालयी वातावरण को लिंग संवेदनशील बनाने की जो स्त्री की उचित न्यायपूर्ण एवं मानवीय छवि विकसीत करें इसके साथ ही, नारी उदय एक आंदोलन है जो महिलाओं के विचारों और उनके संस्कृति के बारे में नए दृष्टिकोण को लेकर उन्हें स्वतंत्र बनाता है।


चर्चा की शुरुआत प्रिंसिपल, जीआईपीएस डॉ सविता मोहन एवं आये हुए अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कियाI डॉ सविता मोहन ने समाज में महिलाओं की वास्तविक स्थिति के बारे में बताया । उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में सम्मान और गौरव मिलना चाहिए।आज का आयोजन हर क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियों की सराहना के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहन देने के लिए किया गया। जीआईपीएस संस्थान ने कुछ प्रतिष्ठित महिलाओं को आमंत्रित किया जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में आश्चर्यजनक उपलब्धिया हासिल की है।
आज के कार्यक्रम मे उपस्थित *मेम्बर मैनेजमेंट, जी एन आई ओ टी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, श्रीमती सपना गुप्ता जी* ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के माध्यम से महिलाओं को संगठित करने और सामाजिक समस्याओं को उठाने में मदद मिलती है। नारी उदय फेमिनिस्ट सोच के मूल में से उठता है, जो महिलाओं के विचारों और उनके अधिकारों को समझने की ज़रूरत को समझता हैI लैंगिक समानता एक व्यापक मुद्दा है जो महिलाओं के स्वतंत्रता, समानता और अधिकारों के लिए लड़ाई का प्रतिनिधित्व करता है। इसे एक फेमिनिस्ट आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है, जो महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक उन्नयन के लिए लड़ता है।कार्यक्रम की सम्मानित *मुख्य अतिथि तस्नीम बानो, सीनियर ऑफिसर (Ministry of Home Affairs)* ने भी पैनल चर्चा में भाग लिया । उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान में सुधार के लिए महिला आयोग ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने इस संबंध में विभिन्न सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में उपस्थित छात्राओं एवं शिक्षिकाओं को बताया।चर्चा में भाग लेने वाले अन्य सम्मानित अतिथियों में *श्रीमती मंजुला सक्सेना डायरेक्टर , डिपार्टमेंट ऑफ फार्मा , मिनिस्ट्री ऑफ केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर ऑफ इंडिया* ने कहा कि आपके विचार आपकी वास्तविकता बनाते हैं। सकारात्मक विचार और सकारात्मक मन जीवन में सकारात्मक चीजों को आकर्षित करते हैं और नकारात्मक विचार नकारात्मक अनुभवों का अहसास कराते हैं। इसलिए खुशी का अनुभव करने का एकमात्र तरीका है कि आप अपने आस-पास सभी के बारे में अच्छा सोचें। उन लोगों से दूर रहें जो नकारात्मक बातें या आपको हतोत्साहित करते हैं। इसके बजाए सकारात्मक सोच के लोगों के साथ रहें।श्रीमती मधु बाजपेई, सीईओ, राइमस टेक्नोलॉजीज* ने कहा कि नारी उदय एक उत्थान है जो महिला सशक्तिकरण और स्वतंत्रता को संकेतित करता है। महिलाओं को कार्यस्थल पर बहुत सारे भेदभाव और रूढ़िवादिता का सामना करना पड़ता है, और यह अंतर उनके सफल करियर के विकास को रोक देता है। महिलाओं और पुरुषों के लिए समान नौकरी के अवसर, वेतन, पुरस्कार और संसाधन होने चाहिए। लैंगिक समानता एक सकारात्मक कार्य वातावरण और अच्छी कार्यस्थल संस्कृति को बढ़ावा देती है, जो किसी भी सफल संगठन की मूलभूत आवश्यकता है।कार्यक्रम के अंत में प्रो ऋतु यादव ने आये हुए सभी अतिथियों, शिक्षकों एवं सभी विद्यार्थियों को धन्यवाद ज्ञापित किया ।

About Author

एक्सक्लूसिव खबरें