February 5, 2025

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एमिटी विश्वविद्यालय में मनाया गया विश्व फार्मासिस्ट दिवस।

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फार्मेसी द्वारा इंडियन फार्मेसी ग्रेजुएटस एसोसिएशन – स्टूडेंट चैप्टर के सहयोग से विश्व फार्मासिस्ट दिवस 2022 पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम का शुभारंभ इंडियन फार्मेसी ग्रेजुएटस एसोसिएशन के महासचिव डा अरूण गर्ग, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फार्मेसी के निदेशक डा संदीप अरोरा और प्रोफेसर डा तनवीर नावेद ने किया। इस अवसर पर परिचर्चा सत्रों, समूह चर्चा और क्विज आदि कार्यक्रमो का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली एनसीआर के विभिन्न संस्थानो जामिया हमदर्द, डीआईपीएसएआर विश्वविद्यालय, के आर मंगलम आदि से लगभग 200 फार्मेसी के छात्रों ने हिस्सा लिया।

इंडियन फार्मेसी ग्रेजुएटस एसोसिएशन के महासचिव डा अरूण गर्ग, ने संबोधित करते हुए कहा कि इंडियन फार्मेसी ग्रेजुएटस एसोसिएशन की स्थापना 1973 में हुई थी और तब से इसके द्वारा एक पेशे के रूप में फार्मेसी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सम्मेलनो, कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इंडियन फार्मेसी ग्रेजुएटस एसोसिएशन स्टूडेट फोरम में युवा और गतिशील छात्र होते है जो फार्मा उद्योग का भविष्य है। उन्होनें कहा कि फार्मेसी के छात्रों को स्वंय पर गर्व होना चाहिए क्योकि जब औषधियों के उपयोग के बारे में सही सलाह और मार्गदर्शन की बात आती है तो उनके उपर एक बड़ी जिम्मेदारी होती है अभी भी इसके बारे में जागरूकता की कमी है। रोगों की रोकथाम के संबंध में सर्वोत्तम मार्गदर्शन साझा करने के लिए छात्रों को लीक से हटकर विचार करना चाहिए और अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाना चाहिए। छात्रों को अपने समाज में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए और इस तरह समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए। उन्होनें उदाहरण देते हुए कहा कि आपको समाज में डेंगु जैसी बीमारियों के बारे में जागरूकता पैदा करनी चाहिए और लोगों को निवारक उपाय और चिकित्सा नुस्खों के बारे में बताना चाहिए। सफल फर्मासिस्ट होने के लिए प्रभावी संचार और कुशल व्यक्तित्व के गुण होने चाहिए।एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फार्मेसी के निदेशक डा संदीप अरोरा ने कहा कि इस कार्यक्रम का उददेश्य समाज में फार्मासिस्ट की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करना है। जब चिकित्सकीय नुस्खे और प्राथमिक स्वास्थय देखभाल की बात आती है तो रोगियों को अच्छी सहायता और सलाह प्रदान करने के मामले में फार्मासिस्ट पर एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। औषधि निर्माण, उत्पादन, आपूर्ति और गुणवत्ता में एकरूपता सुनिश्चित करने के साथ साथ अनुकूलित देखभाल और सही दवा का अत्यधिक महत्व है।एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फार्मेसी के प्रोफेसर डा तनवीर नावेद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन भविष्य के फार्मासिस्टों के लिए किया गया जिससे वे अपने कौशल को बढ़ा सके और समाज में अपनी अभिन्न भूमिका समझ सके। महामारी के दौरान फार्मासिस्ट की भूमिका को बड़े पैमाने पर पहचान मिली। फार्मासिस्ट 24 घंटे लोगों की सेवा में मौजूद रहे और लोगों को दवार्इ्रयों की आपूर्ति होती रही। यह कार्यक्रम छात्रों के अंदर सफल और अग्रण फार्मासिस्ट बनने की संभावना को विकसित करेगा।इस एक दिवसीय कार्यक्रम में छात्रों के लिए फार्मा विक्ज, समूह चर्चा, लेबल मेकिंग, पोस्टर मेकिंग आदि का आयोजन किया गया और कांगनीट्रैक्स कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ और संस्थापक श्री मानस रंजन राउत और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फार्मेसी की एसोसिएट प्रोफेसर डा निरूमपा धिमान निर्णायक मंडल मंे शामिल थे।

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